ज्योति जलाते समय यह ध्यान में रखना चाहिए कि कहीं आप गणेश, लक्ष्मी, भगवान शिव और मां दुर्गा का ध्यान करना तो नहीं भूल रहे हैं।
अखंड ज्योति जलाते समय ॐ जयंती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तुते मंत्र का जाप करना चाहिए।
यदि अखंड ज्योति घी से जला रहे हैं तो दाईं ओर रखें और तेल से यदि आप दीपक जला रहे हैं तो बाईं ओर रखें। यह शुभ माना जाता है।
किसी अनुष्ठान या संकल्प के लिए अखंड ज्योति जला रहे हैं तो अनुष्ठान खत्म होने तक ज्योति को बुझने नहीं देना चाहिए। यह अशुभ माना जाता है।
कभी भी अखंड ज्योति जलाने के बाद उसे अकेला न छोड़ें। कोशिश करें कि कोई एक व्यक्ति सदैव उसकी देखभाल के लिए मौजूद रहे।
अखंड ज्योति जलाने के बाद कभी भी घर में ताला न लगाएं। जिस जगह पर अखंड ज्योति जला रहे हैं, उसके आसपास शौचालय या स्नानगृह नहीं होना चाहिए।
यदि आप अखंड ज्योति सरसों के तेल से जला रहे हैं तो ऐसा करने से पितृ शांत रहते हैं। इसके साथ ही घर में सुख समृद्धि और शांति भी आती है।
इस लेख में दी गई सभी जानकारियां एक सामान्य मान्यताओं पर आधारित है जिसकी हम अपनी तरफ से कोई भी पुष्टि नहीं करते हैं।