महाभारत को कई कारणों से याद किया जाता है। सबसे पहला कारण तो कुरुक्षेत्र की भूमि में हुआ वो महारण था, जिसमें पूरी कौरवों और उनकी सेना का नाश हो गया था। आइए जानते है महाभारत के वीर योद्धा अर्जुन के पिता कौन थे?
महाभारत कई पात्रों के लिए प्रसिद्ध है। अर्जुन महाभारत के सबसे प्रसिद्ध किरदारों में से एक थे। आज भी अर्जुन को उनके शानदार युद्ध कौशल के लिए याद किया जाता है।
अर्जुन का पालन पोषण उनके पिता राजा पांडू और माता कुंती ने किया था। लेकिन, क्या आपको पता है कि इंद्रदेव अर्जुन के देव पिता थे।
अर्जुन के देव पिता इंद्रदेव थे। इंद्रदेव ने युद्ध में भी अर्जुन के विजय के लिए कर्ण से उनका कवच कुंडल ले लिया था। जरूरत के समय कई बार इंद्रदेव ने अर्जुन की मदद की थी।
अर्जुन के मानस पिता हस्तिनापुर के राजा पांडू थे। अर्जुन को शिक्षा और दुनिया से परिचय उनके मानस पिता पांडू ने ही कराया था।
अर्जुन चन्द्रवंशी राजकुमार थे। अर्जुन के भाईयों के नाम कर्ण, युधिष्ठिर, भीमसेन , नकुल और सहदेव थे। यह सभी भी ईश्वर के आशीर्वाद से ही प्राप्त हुए थे।
माता कुंती को उनके सभी पुत्र मंत्र के उपयोग पर मिले थे। पांडू द्वारा अनुरोध किए जाने पर कुंती ने मंत्रों को उपयोग करे भगवान से युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन को आशीर्वाद के रूप में मांगा था।
अर्जुन का जीवन भी बेहद शानदार रहा था। वह दुनिया के सर्वश्रेष्ठ धनुर्धारी बने थे। साथ ही, महाभारत के युद्ध में उनका पराक्रम हमेशा-हमेशा के लिए याद रखा जाएगा।