महाभारत की गाथा को अनेकों कारणों से याद किया जाता है और आगे भी याद किया जाएगा। आज हम जानेंगे कि किन 7 कारणों के लिए महाभारत हमेशा याद रखी जाएगी।
श्री कृष्ण द्वारा अर्जुन का साथ देना भी यह दिखाता है कि अगर भगवान के प्रति समर्पण सच्चा हो तो वह हर परिस्थिति में अपने भक्त का साथ निभाते है। श्री कृष्ण हमें देवत्व, दृढ़ संकल्प, ज्ञान और धैर्य सीखाते है।
महाभारत के सबसे बेहतरीन योद्धा रहे अभिमन्यु की वीरता को भी इस गाथा में याद रखा जाएगा। कुरुक्षेत्र के मैदान में अभिमन्यु ने अकेले दुर्योधन, दुशासन, अश्वत्थामा और कर्ण से अकेले युद्ध किया था।
कर्ण का दृढ़ निश्चय भी महाभारत की गाथा से याद रखा जाएगा। कर्ण ने मरते दम तक दुर्योधन से अपनी मित्रता निभाई थी। यह जानते हुए भी पांडव कर्ण के भाई है, उन्होंने दुर्योधन से विश्वासघात नहीं किया था।
महाभारत के सबसे बड़े किरदारों में से एक पितामह भीष्म को भी उनकी अटल प्रतिज्ञाओं के लिए याद किया जाएगा। हस्तिनापुर के सिंहासन के प्रति उनका समर्पण अतुलनीय माना जाता है।
अपने पुत्रों के प्रति धृतराष्ट्र का अंधा प्रेम ही उनके पुत्रों की मृत्यु की वजह बना था। धृतराष्ट्र पुत्र मोह में इस प्रकार अंधे थे कि हस्तिनापुर के सिंहासन पर युधिष्ठिर का हक होते हुए भी उन्होंने दुर्योधन को अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया था।
अर्जुन की सरलता के लिए भी महाभारत की गाथा अमर मानी जाएगी। सर्वश्रेष्ठ धनुर्धारी और कुशल योद्धा होते हुए भी अर्जुन ने हमेशा धर्म का मार्ग ही चुना था।
पांडवों ने महाभारत की पूरी गाथा में कभी भी अधर्म का मार्ग नहीं चुना था। पूरे जीवन पांडव सच्चाई और धर्म के मार्ग पर चले थे। युधिष्ठिर को धर्मवीर भी कहा जाता था।
अगर महाभारत की गाथा से जुड़ी यह स्टोरी आपको जानकारीपूर्ण लगी तो ऐसी ही धर्म और अध्यात्म से जुड़ी खबरों के लिए पढ़ते रहें naidunia.com