महाशिवरात्रि वह दिन है जब हम भगवान शिव की अराधना करते हैं। महाशिवरात्रि के दिन अधिकतर लोग ध्यान, पूजा और शिव भजन गाकर उत्सव मानते हैं।
महाशिवरात्रि पर उपवास करने से मन तथा चित्त को विश्राम मिलता है। ऐसी सलाह दी जाती है कि इस दिन फल अथवा ऐसा भोजन ग्रहण करें जो सुपाच्य हो। महाशिवरात्रि उपवास के बारें में और अधिक जानें।
महाशिवरात्रि की रात को नक्षत्रों की स्थिति, ध्यान के लिए बहुत शुभ मानी जाती है। इसलिए, लोगों को शिवरात्रि पर जागते रहने और ध्यान करने की सलाह दी जाती है।
महाशिवरात्रि के दिन “ॐ नम: शिवाय” मंत्र का उच्चारण सबसे लाभदायक है। यह मंत्र तुरंत ही आपकी उर्जा को ऊपर उठाता है।
मंत्र में “ॐ” की ध्वनि ब्रह्मांड की ध्वनि है। जिसका तात्पर्य है प्रेम और शान्ति। “नम: शिवाय” में यह पाँच अक्षर “न”, “म”, “शि”, “वा”, “य” पाँच तत्त्वों की ओर इशारा करते हैं।
“ॐ नम: शिवाय” का जप करने से ब्रह्मांड में मौजूद इन पाँच तत्त्वों में सामंजस्य पैदा होता है। जब इन पाँच तत्त्वों में प्रेम, शान्ति का सामंजस्य होता है, तब परमानंद प्रस्फुटित होता है।
शिवरात्रि पर रुद्राभिषेक करने का अधिक लाभ होता है। साथ ही पंच तत्वों से रुद्राभिषेक करने से शिवरात्रि पर विशेष लाभ होता है।
शिवलिंग पूजा में “बेल पत्र” अर्पण किया जाता है। शिवलिंग को “बेल पत्र” अर्पण करना अर्थात तीन गुण शिव तत्व को समर्पित कर देना है। ये तीनों गुण आपके मन और कार्यों को प्रभावित करते हैं।