मैनपाट महोत्सव 2023:कुदरत का करिश्मा,छत्तीसगढ का शिमला
By Manoj Kumar Tiwari2023-02-14, 08:38 ISTnaidunia.com
कैसे पहुंचे
मैनपाट अंबिकापुर से 75 किलोमीटर दुरी पर है। अंबिकापुर से मैनपाट जाने के लिए दो रास्ते हैं पहला रास्ता अम्बिकापुर-सीतापुर रोड से होकर जाता और दुसरा ग्राम दरिमा होते हुए मैंनपाट तक जाता है।
शिमला
मैनपाट को छत्तीसगढ का शिमला कहा जाता है। मैनपाट विन्ध पर्वत माला पर स्थित है। मैनपाट प्राकृतिक सुंदरता से परिपूर्ण है।
तिब्बत
छत्तीसगढ का तिब्बत भी कहा जाता हैं। यहां तिब्बती लोगों का जीवन एवं बौध मंदिर आकर्षण का केन्द्र है। यह कालीन और पामेरियन कुत्तो के लिये भी प्रसिद्ध है।
देखने लायक
यहां सरभंजा जल प्रपात, टाईगर प्वांइट तथा मछली प्वांइट प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं। मैनपाट से ही रिहन्द एवं मांड नदी का उदगम हुआ है।
मैनपाट महोत्सव
14 से 16 फरवरी 2023 तक तीन दिवसीय मैनपाट महोत्सव में बालीवुड,छालीवुड एवं भोजपुरी के नामी कलाकारों की मनमोहक प्रस्तुति होगी। कुमार विश्वास दे चुके हैं यहां कविताओं की प्रस्तुति।
मैनपाट क्यों प्रसिद्ध है?
मैनपाट की सुंदर मनोरम वादियों की गोद में खेलती प्रकृति की सुंदरता,तिब्बतियों की शरण स्थली,बौद्ध मंदिर का आकर्षण,गर्मी में भी ठंड का एहसास,छोटा सा हिल स्टेशन,मैनपाट का महोत्सव।
कुदरत का करिश्मा
यहां की जमी स्पंजी है जमीन कूदेंगे तो उछल जाएंगे एक ऐसी जगह,जहां पूरी जमीन स्पंज के समान है। आप अगर इस पर थोड़ा भी उछलें तो यह आपको दो से तीन फीट तक उछाल देती है।