ऐसा बनाएं घर का प्रवेश द्वार, स्वयं चलकर आएंगी मां लक्ष्मी


By Ekta Sharma2023-04-13, 17:44 ISTnaidunia.com

प्रवेश द्वार वास्तु

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर का भाग्य प्रवेशद्वार पर लिखा होता है और इसका असर घर में रहने वालों पर होता है। मुख्य द्वार से जुड़ी कुछ बातों का अवश्य ध्यान रखें।

दक्षिण-पश्चिम दिशा

घर के प्रवेशद्वार की दिशा दक्षिण अथवा पश्चिम दिशा की तरफ नहीं होना चाहिए। पूर्व और उत्तर दिशा में मुख्य द्वार होना वास्तु की दृष्टि से सबसे उत्तम होता है।

दो बाहरी दरवाजे

भवन में दो बाहरी दरवाजे हों तब इस बात का अवश्य ध्यान रखें कि दोनों द्वार एक-दूसरे के सामने नहीं हो, कहते हैं इससे धन जैसे आता है वैसे ही चला भी जाता है।

बीच में न हो

मुख्य द्वार कभी भी बीच में नहीं होना चाहिए। भारतीय वास्तु शास्त्र के अनुसार जिस दीवार के साथ मुख्य द्वार बनवानी हो उस दीवार को नौ भागों में बांटें।

भाग छोड़ें

भवन में प्रवेश की दिशा से बायीं ओर पांच भाग और दायीं ओर से तीन भाग छोड़कर प्रवेशद्वार बनवाएं। इससे प्रवेश बड़ा होगा और निकास छोटा। ऐसा होने से आय अधिक होता है और व्यय कम।

लक्ष्मी का प्रवेश बाधित

मुख्य द्वार के सामने मंदिर, वृक्ष, कुआँ अथवा स्तंभ नहीं होना चाहिए। इसे वास्तु वेध कहा जाता है यानी लक्ष्मी का प्रवेश बाधित होता है।

दोगुनी दूरी

इस बात का ध्यान रखें कि भवन की ऊंचाई से दोगुनी दूरी पर उपरोक्त चीजें न हों। उसके आगे होने पर भी वास्तु-वेध नहीं लगता है।

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