सुहागिन महिलाओं का जीवन खुशियों से भर जाएगा, करें ये व्रत


By Ayushi Singh28, Jul 2024 12:00 PMnaidunia.com

सावन का महीना भगवान शिव के बेहद प्रिय है, वैसे ही सावन के हर मंगलवार मां पार्वती के लिए विशेष हैं। इस माह में जो भी मंगलवार के दिनों में व्रत करता है, उसकी सारी इच्छाएं पूर्ण होती है और जीवन में खुशहाली आती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि सुहागिन महिलाओं का जीवन खुशियों से भर जाएगा, करें ये व्रत-

मंगला गौरी व्रत का महत्व

मंगला गौरी व्रत महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए रखती है। साथ ही, परिवार में सुख, शांति और समृद्धि बनी रहे। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत को रखने से पति पत्नी के बीच के रिश्ते मधुर होते हैं।

मंगला गौरी की उपासना

सावन के सभी मंगलवार को मंगला गौरी की उपासना करने से फलों की प्राप्ति होती है। ऐसे लोगों के देवी सारे कष्ट हर लेती हैं और अपनी कृपा बनाए रखती है।

रख सकती कुंवारी लड़कियां

इस व्रत को कुंवारी लड़कियां भी रख सकती है।साथ ही, अविवाहित लड़कियों के विवाह में आने वाली बाधाएं दूर हो जाती हैं और मनचाहे वर की प्राप्ति होती है।

कब है मंगला गौरी व्रत

सावन के दिनों में प्रथम मंगला गौरी व्रत मनाया जाएगा। सावन माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि 23 जुलाई को सुबह 10 बजकर 23 मिनट तक है। अतः इस माह का पहला मंगला गौरी व्रत 23 जुलाई को रखा जाएगा।

मंगला गौरी के कितने व्रत रखने चाहिए?

मां मंगला गौरी के व्रत 16 व्रत की संख्या का बहुत शुभ माना गया है, ऐसे में पूजा में फूल, फल, श्रृंगार की सामग्री को चढ़ाना चाहिए। इसके बाद 16 दीपक जलाकर मंगला गौरी व्रत की कथा का पाठ और आरती करें।

संतान प्राप्ति के लिए

मंगला गौरी व्रत माता पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है। अगर कोई संतान प्राप्ति की इच्छा से भी इस व्रत को रखता है तो उसकी मनोकामना जल्द पूरी हो जाती है।

मंगला गौरी का व्रत करने से सुहागिन महिलाओं का जीवन खुशियों से भर जाएगा। एस्‍ट्रो से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें NAIDUNIA.COM

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