हिंदू धार्मिक शास्त्रों में शादी एक महत्वपूर्ण संस्कार माना जाता है। ऐसे में इस शुभ कार्य को करने के लिए शुभ मुहूर्त देखना बेहद जरूरी होता हैं।
सनातन धर्म में जातक का विवाह कुंडली मिलान करके तय किया जाता है। ऐसे में गुणों के मिलान के साथ-साथ शुभ मुहूर्त में विवाह करना भी वर और वधु के लिए शुभ माना जाता है।
शुभ मुहूर्त में विवाह करने से वर और वधु को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। कार्तिक माह में देवउठनी एकादशी तिथि से विवाह के मुहूर्त की शुरुआत हुई है।
देवउठनी एकादशी 23 नवंबर को मनाई जाएगी और 24 नवंबर को तुलसी का विवाह होगा। शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर 22 नवंबर को 11:03 से शुरू होकर 23 नवंबर को 9 बजकर 1 मिनट पर शुरू होगी।
23 नवंबर के दिन रेवती नक्षत्र बन रहा है। इस दिन भी विवाह का शुभ मुहूर्त है, संध्याकाल में द्वादशी तिथि लगने वाली है।
24 नवंबर का दिन भी विवाह के लिए बेहद शुभ माना गया हैं। इस दिन तुलसी का विवाह होता है, ऐसे में शादी के लिए 24 नवंबर का दिन बेहद शुभ माना गया हैं।
27 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा पड़ रही है। ऐसे में यह तिथि भी विवाह के लिए उत्तम मानी गई हैं। 24 नवंबर को रोहिणी नक्षत्र बन रहा हैं।
29 नवंबर के दिन मृगशिरा नक्षत्र बन रहा है। कुंडली मिलान के बाद इस तारीख पर विवाह किया जा सकता है। यह नवंबर के महीने का आखिरी शुभ मुहूर्त हैं।