दुनियाभर में भारतीय संस्कृति आध्यात्मिकता के लिए जानी जाती है। देश में गौमाता, नागदेवता के साथ मछली को भी पूजा जाता है।
मछली मंदिर गुजरात में वलसाड तहसील के मगोड डूंगरी गांव में स्थित है। इस मंदिर में व्हेल मछली की अस्थियों की पूजा की जाती है।
इस मंदिर को मत्स्य माताजी के नाम से जाना जाता है। करीब 300 वर्ष पहले डूंगरी गांव में रहने वाले प्रभु टंडेल नामक व्यक्ति को स्वप्न आया था।
स्वप्न में टंडेल ने देखा कि समुद्र किनारे एक व्हेल मछली मृत पड़ी है। जब उसने सुबह जाकर देखा तो वास्तव में एक मृत व्हेल मछली समुद्र किनारे पड़ी हुई थी।
बनाया यह एक विशाल आकार की मछली थी, जिसे देखकर ग्रामीण चौंक उठे थे। तब लोगों ने डूंगरी गांव 'मत्स्य माता का मंदिर' बनवाया।
यहां मछुआरे समुद्र में मछली पकड़ने के पूर्व इस मत्स्य मंदिर में पूजा करते हैं, ताकि समुद्र में किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा न आए।