चाणक्य के उपदेश और बातें हर उम्र के व्यक्ति के लिए कही न कही प्रासंगिक होती है। आइए जानते हैं चाणक्य के अनुसार 20 की उम्र के बाद बालकों कौन-सी गलतियां नहीं करनी चाहिए।
बढ़ती उम्र के साथ व्यक्ति पर जिम्मेदारियां आती है। कई लोग छोटी उम्र से ही परिपक्व होते है तो कुछ जिम्मेदारियों के चलते हो जाते है।
आचार्य चाणक्य ने 20 वर्ष के हो चुके युवाओं को सफलता के लिए कई बातें बताई है। अगर आप उसका पालन 20 के बाद ही शुरु कर देते हैं तो आगे परेशानियां नहीं आएंगी।
चाणक्य के अनुसार युवावस्था में गुस्सा अधिक आता है। ऐसे में 20 की उम्र के बाद से ही खुद प्रतिक्रिया देने की क्रिया में अवश्य नियंत्रित रखना चाहिए।
आलस इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन होता है। ऐसे में अगर आप युवावस्था में ही ऐसे बन जाएंगे तो आगे आपको इसका काफी खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
भविष्य की चुनौती और कठिन परिस्थितियों में आज का बचाया धन ही कल काम आने वाला है। ऐसे में 20 की उम्र के बाद फिजूलखर्ची से बचना चाहिए।
समय दुनिया की सबसे कीमती चीजों में से एक है। 20 की उम्र के बाद हर पल हर दिन का सदुपयोग शुरु कर दें। चाणक्य के मुताबिक सफलता के लिए समय का पाबंद होना बेहद जरूरी हैं।
दुनिया की हर कीमती चीज खरीदी जा सकती है, लेकिन समय नहीं। एक बार समय चला गया तो वापस लौटकर नहीं आता है। ऐसे में बिना समय बर्बाद किए अपने जरूरत के काम करें।