तांत्रिक पीठ था मितावली मुरैना का चौंसठ योगिनी मंदिर
By Anil Tomar2023-05-26, 11:36 ISTnaidunia.com
तांत्रिक पीठ हुआ करता था मंदिर
मितावली का चौंसठ योगिनी मंदिर के बारे में बताया जाता है कि यह तांत्रिक पीठ हुआ करता था। तांत्रिक पीठ होने की वजह से यहां पर रात में परिंदे भी नहीं रुकते हैं।
64 कक्ष हैं मंदिर में
यह मंदिर एक वृत्ताकार आधार पर निर्मित है जिसमें 64 कक्ष हैं। मध्य में एक खुला हुआ मण्डप है। सभी कक्षों में शिवलिंग हैं। 101 खंबे भी मंदिर में हैं।
उड़नतस्तरी की तरह आता है नजर
अद्भुत मंदिर का निर्माण करीब 100 फीट की ऊंचाई पर किया गया है और पहाड़ी पर स्थित यह गोलाकार मंदिर किसी उड़न तश्तरी की तरह नजर आता है।
संसद भवन बना है इसकी शैली पर
भारत का दिल्ली में बने संसद भवन के बारे में कहा जाता है कि इसे मितावली के चौंसठ योगिनी मंदिर की शैली के ही आधार पर बनाया गया है। इसलिए इसे मुरैना का संसद भवन भी कहते हैं।
इन तंत्रों की होती थी साधना
चौंसठ देवियों में से दस महाविद्याएं और सिद्ध विद्याओं की भी गणना की जाती है। ये सभी तंत्र तथा योग विद्या से घनिष्ठ सम्बन्ध रखती हैं। इंद्रजाल, जादू, वशीकरण, मारण, स्तंभन आदि की साधना होती थी।
रात में नहीं रुकता कोई
स्थानीय लोगों का मानना है कि आज भी यह मंदिर भगवान शिव की तंत्र साधना के कवच से ढका है। इस मंदिर में किसी को भी रात में रुकने की अनुमित नहीं है।
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