Most Visited Places 2023: भगवान श्रीराम के पद्चिह्न देखने हैं आएं चरण-तीरथ


By manoj kumar tiwari29, Dec 2022 12:11 AMnaidunia.com

प्रकृति और अध्यात्म का संगम

प्रकृति और अध्यात्म का संगम है 'चरण-तीरथ'। मान्यता है कि मैकल पर्वत श्रेणियों के बीच प्रकृति के गोद में बसे वनांचल क्षेत्र में वनवास के दौरान श्रीराम पहुंचे थे।

पहुंचने का मार्ग

छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश की सीमा पर चरण-तीरथ स्थित है। कवर्धा से 70 किलोमीटर दूर है बोड़ला विकासखंड स्थित ग्राम तरेगांव से पहुंचा जा सकता है। कबीरधाम जिला मुख्यालय से 63 किमी दूर स्थित है।

श्रीराम के चरण

स्थानीय मान्यता है कि दक्षिण कोसल में ननिहाल होने के कारण भागवान राम यहां आया करते थे। यहां एक चट्टान में मौजूद पद चिह्न श्रीराम के बताए जाते हैं।

355 सीढ़ियां

चरण-तीरथ का दर्शन करने के लिए 355 सीढ़ी चढ़नी पड़ता है। जैसे ही ऊपर पहुंचते हैं, सर्वप्रथम भरतकुण्ड के दर्शन होते हैं। इस प्राकृतिक जल में मां नर्मदा के जल की झलक मिलती है।

प्रकृति की गोद में

यहां बनी गुफा भी लोगों को आकर्षित करती है। ठंड के मौसम में जिलेवासी यहां पिकनिक मनाने व गुफा देखने के लिए बड़ी संख्या में पहुंचते हैं।

कुण्ड की खोज

आदिवासी बैगा जनजाति को सुरंग (गुफा) से जल का स्रोत बहता मिला। पद चिन्ह देखा गया, तब से लोगों द्वारा धार्मिक मान्यता अनुसार मां नर्मदा के रूप में पूजा की जाती है।

रहस्य

इस स्थल को कब से चरण-तीरथ कहा जा रहा है और श्रीराम के चरण चिन्ह यहां पर कब से हैं, यह एक रहस्य है।

विहंगम दृश्य

गुफा के निकट बाघमाड़ा है। यहां चढ़कर देखने पर लगता है कि प्रकृति ने एक विशाल कटोरे का निर्माण कर दिया है।

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