धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सावन मास में भगवान शिव की उपासना करने से साधकों को विशेष लाभ मिलता है। हर तीन साल के अंतराल पर अधिक मास लगता है।
अधिक मास जिसे पुरुषोत्तम मास या मलमास के नाम से भी जाना जाता है। इस मास में सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है।
श्रावण अधिक मास में कुछ विशेष उपायों का पालन करने से जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं।
अधिक मास में शालिग्राम भगवान की उपासना से भी विशेष लाभ मिलता है। इसलिए हर दिन शालिग्राम भगवान के समक्ष घी का दीपक प्रज्वलित करें।
अधिक मास में ब्रह्म मुहूर्त में पूजा-पाठ का विशेष महत्व है। साथ ही इस मास में प्रातः स्नान-ध्यान के बाद गायत्री मंत्र का जाप करें। ऐसा करने से संकटों से मुक्ति मिलती है।
पीले रंग का संबंध भगवान विष्णु से माना जाता है, इसलिए इस महीने में पीले वस्त्र, पीले रंग का अनाज, फल और श्री हरि को अर्पित करें और फिर इनका दान कर दें।
खरमास में तुलसी के पौधे के सामने रोजाना गाय के घी का दीपक जलाएं और ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः मंत्र का जप करें और 11 बार तुलसी की परिक्रमा करें।
मलमास में रोजाना पीपल के पेड़ की जड़ में जल अर्पित करें और गाय के घी का दीपक जलाएं। ऐसा करने से आपके ऊपर भगवान पुरुषोत्तम का आशीष सदैव बना रहेगा।