मधुमेह को शुगर और डायबिटीज भी कहा जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, डायबिटीज की बीमारी कई अन्य रोगों का कारण भी बन सकती है।
खराब लाइफस्टाइल की वजह से ज्यादातर लोग डायबिटीज का सामना कर रहे हैं। हालांकि, लोगों के बीच इस बीमारी को लेकर कई तरह के मिथक भी मौजूद है।
ज्यादातर लोग इस गलतफहमी का शिकार होते हैं कि डायबिटीज की बीमारी वृद्धावस्था में होती है। इन दिनों डाइट में बदलाव के चलते युवक भी मधुमेह की गिरफ्त में आ रहे हैं।
ऐसा भी सुनने में आता है कि डायबिटीज के मरीज फल नहीं खा सकते हैं। खैर, फल सबसे सेहतमंद विकल्प होता है। फ्रूट्स खाने से कई जरूरी पोषक तत्व भी मिलते हैं।
यह मिथक सबसे ज्यादा चर्चा में रहता है कि ज्यादा शुगर खाने से ही डायबिटीज का खतरा बढ़ता है। हालांकि, टाइप 2 डायबिटीज का जोखिम बढ़ने के पीछे कई अन्य कारण भी होते हैं।
आमतौर पर लोगों का मानना होता है कि एक बार इंसुलिन की शुरुआत होने पर यह जीवन भर चलता है, लेकिन इस बात में सच्चाई नहीं है।
व्यायाम करना सभी के लिए फायदेमंद होता है। डायबिटीज पेशेंट को लेकर मिथक है कि उन्हें नियमित व्यायाम करने की जरूरत नहीं होती है।
कुछ लोगों का ऐसा भी मानना है कि अगर आप दवाई खा रहे हैं तो मिठाई खा सकते हैं। हालांकि, यह धारणा पूरी तरह से गलत है।