‘न कंचित् शाश्वतम्’ इस वाक्य में छिपा है जीवन का असली रहस्य


By Prakhar Pandey29, Sep 2023 04:00 PMnaidunia.com

जीवन का रहस्य

जीवन के अंतिम पढ़ाव तक अक्सर लोग एक जैसा जीवन सुखमयी जीवन चाहते है। आइए जानते हैं संस्कृत के सबसे एक श्लोक में छिपे जीवन के रहस्य के बारे में।

‘न कंचित् शाश्वतम्’

‘न कंचित् शाश्वतम्’ श्लोक में ही जीवन का असली रहस्य छुपा हुआ है। इस श्लोक का अर्थ ही जीवन की सच्चाई को बयां करता है।

श्लोक का अर्थ

‘न कंचित् शाश्वतम्’ श्लोक का अर्थ हैं कि जीवन में कुछ भी स्थायी नहीं है। यह श्लोक श्री कृष्ण ने गीता में अर्जुन को समझाते हुए कहा था।

स्थायी जीवन

यह श्लोक बदलाव की बात करता हैं, इस श्लोक का एक मतलब यह भी है कि ‘कुछ भी अनन्त नहीं है’।

बदलता समय

यह श्लोक जीवन की इस हकीकत से आपका परिचय कराता हैं कि दुनिया में समस्त चीजें समय के साथ बदलती रहती है और कोई भी वस्तु स्थायी नहीं होती है।

समय का चक्र

समय का पहिया हमेशा डोलता रहता है और ऐसे में जरूरी हैं कि आप भी जीवन में कही एक जगह थमने के बजाय आगे बढ़ते रहें।

गीता का ज्ञान

गीता के अंदर श्रीकृष्ण ने अर्जुन को समझाते हुए कई ऐसी ज्ञान वर्धक चमत्कारी बातें बताई है, जो आपका जीवन बदल सकती है।

नियमित अंतराल

जीवन में हर चीज एक समय के बाद नियमित अंतराल में समाप्त होनी होती है। ऐसे में अगर आप जीवन के किसी ऐसी परिस्थिति में फंसे जहां से निकलना मुश्किल हो तो भी इस बात का ध्यान रखें कि

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