दीपावली से एक दिन पहले छोटी दिवाली का त्योहार मनाया जाता है। इस पर्व को नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है।
आज यानी 11 नवंबर को छोटी दिवाली का पर्व मनाया जा रहा है। इस दिन दीपक जलाने का भी विशेष महत्व माना जाता है।
छोटी दिवाली और बड़ी दिवाली के दिन अलग-अलग संख्या में दीपक जलाए जाते हैं। नरक चतुर्दशी के दिन 14 दीये जलाए जाते हैं।
छोटी दिवाली की रात एक दीपक घर के मुख्य द्वार पर भी जलाया जाता है। इसके अलावा इस दिन पूजा करने का भी धार्मिक महत्व माना जाता है।
छोटी दिवाली को यम का दीया भी जलाया जाता है। इस दिन यमराज की पूजा करने से अकाल मृत्यु का खतरा दूर हो जाता है।
यम के दीपक को रात के समय घर की महिलाएं जलाती हैं। इसके लिए चौमुखा दीये में तिल या सरसों का तेल डालकर जलाना शुभ माना जाता है।
नरक चतुर्दशी के दिन भगवान विष्णु, यमराज और माता लक्ष्मी की पूजा होती है। छोटी दिवाली के अगले दिन अमावस्या को दिवाली का पर्व मनाया जाता है।
इस बार बड़ी दिवाली कल यानी 12 नवंबर को मनाई जाएगी। मान्यता के मुताबिक, इस दिन माता लक्ष्मी धरती पर आती हैं और लोगों के घर में प्रवेश करती हैं।