नवरात्रि के पांचवें दिन स्कंदमाता की आराधना करने का क्या है महत्व,जानें


By Prakhar Pandey26, Mar 2023 08:15 AMnaidunia.com

चैत्र नवरात्रि

नवरात्रि के पांचवे दिन यानी मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। आइए जानते है मां स्कंदमाता के पूजा की विधि और उनके इस स्वरूप की खासियत।

मां स्कंदमाता

चैत्र नवरात्रि के पांचवे दिन मां के इस स्वरूप की पूजा करने से संतान की प्राप्ति होती साथ ही स्कंदमाता की पूजा से अलौकिक तेज भी प्राप्त होता है।

महत्व

मां स्कंदमाता के इस स्वरूप में मां की चार भुजाएं है। दाई एक भुजा में स्कंद गोद लिया हुआ है, एक में कमल पुष्प वही बाई एक भुजा में वरमुद्रा और एक में कमल लिया हुआ है।

कथा

राक्षस तारकासुर को मारने के लिए शिवजी ने पार्वती से विवाह किया और कार्तिकेय पैदा हुए। बड़े होकर कार्तिकेय ने तारकासुर का वध किया।

कार्तिकेय की मां

भगवान कार्तिकेय यानी स्कंद की माता होने के चलते मातारानी के इस स्वरूप को स्कंदमाता कहा जाता है।

पूजा विधि

मां की पूजा करते समय माता को 5 प्रकार के फल चढ़ाएं और प्रसाद में 6 इलाइची भी चढ़ाएं। इसके बाद कलश में सिक्के डाल पूजा का संकल्प ले।

तिलक लगाएं

मां स्कंदमाता को तिलक लगाकर उन्हें पुष्प अर्पित करके उनकी विधिवत पूजा करके उनकी आरती उतारे। पूजा के बाद प्रसाद को बांट दे।

प्रिय भोग

मां को केले का भोग काफी प्रिय है। साथ ही आप मां को खीर भी चढ़ा सकते है। ध्यान रहे की अगर आपके पास हो तो पीला वस्त्र पहनकर ही मां की उपासना करें।

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