वास्तुशास्त्र में भोजन करने के लिए दिशाओं का निर्धारण किया गया है। इसका वास्तु के अनुसार बहुत महत्व है और आपके स्वास्थ्य और शरीर पर भी इसका अनुकूल और प्रतिकूल असर पड़ता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि घर की सही दिशा में बैठकर भोजन किया जाए तो इससे परिवार के सदस्यों की सेहत अच्छी बनी रहती है।
यदि भोजन गलत दिशा में बैठकर किया जाए तो स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार उन दिशाओं का संबंध देवताओं और ऊर्जा से माना जाता है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व या उत्तर पूर्व दिशा में मुख करके भोजन करना उत्तम माना जाता है। पूर्व दिशा की ओर मुख करके भोजन करने से रोग और मानसिक तनाव दूर होते है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार जो लोग धन, विद्या या अन्य ज्ञान अर्जन करना चाहते हैं, उन्हें उत्तर दिशा की ओर मुख करके भोजन करना चाहिए। विद्यार्थियों का इस दिशा में भोजन करना लाभदायक है।
वास्तु शास्त्र के अनुसार पश्चिम दिशा लाभ की दिशा मानी जाती है। व्यवसायी या नौकरीपेशा लोग या फिर जो लोग लेखन, शोध या शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े हैं उनको पश्चिम दिशा की ओर मुख करके भोजन करना चाहिए।
वास्तु नियम के अनुसार दक्षिण दिशा यम की दिशा मानी जाती है। इस दिशा में भोजन करने से आयु कम होती है। साथ ही आप कई प्रकार की समस्या से घिर सकते हैं।