कई बार लोग दूसरों के घरों में बिना सोचे हुए भोजन कर लेते है। आइए जानते है गरुण पुराण के अनुसार किन 4 घरों में कभी भी भोजन नहीं करना चाहिए।
जो भी व्यक्ति सूदखोरी या अनैतिक ऋण देने या ऋणदाता को गलत तरीके से समृद्ध करता हैं, उसके घर में कभी भी भोजन नहीं करना चाहिए।
दूसरों को दुख देने वाले के घर खाना खाने से आप भी पाप के भागी बन जाते है। ऐसे लोगों के यहां लजीज से लजीज भोजन करने के लिए भी नहीं जाना चाहिए।
गंभीर रोग से ग्रसित व्यक्ति के घर भी भोजन करने नहीं जाना चाहिए। ऐसा करने से आप भी बड़ी मुसीबत में पड़ सकते है।
किसी गंभीर रोग से पीड़ित व्यक्ति के घर खाना खाने से आपको भी स्वास्थय संबंधी समस्याएं हो सकती है। रोग से घिरा व्यक्ति आपको भी संक्रमित कर सकता है।
अपने कार्यों से दूसरों को कष्ट पहुंचाने वाले लोगों के घर में भी कभी भी खाना नहीं चाहिए। दूसरों को कष्ट देकर बनाई दौलत हर प्रकार से व्यक्ति और उसके संबंधियों पर परेशानी के बादल ले आती है।
गरुण पुराण में इस बात का भी उल्लेख मिलता है कि चुगली करने वाले लोगों के घर में खाना खाने से भी आपको बचना चाहिए। इस प्रकार के लोग कब आपको टेंशन दे दें, कुछ पता नहीं होता है।
गरुण पुराण में भी अच्छे कर्म करने की बात कही गई है। अगर आप अच्छे कर्म करते है और अच्छे लोगों का साथ देते है तो कभी भी आपको कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ता है।