कभी भी गिनकर ना बनाएं रोटियां, मिलने लगेंगे दुष्परिणाम
By Ekta Sharma2023-04-22, 18:31 ISTnaidunia.com
गिनकर ना बनाएं रोटियां
हिन्दू धर्म में हर एक कार्य के पीछे न सिर्फ धार्मिक कारण छिपा है बल्कि वैज्ञानिक आधार भी मौजूद है। ठीक ऐसे ही रोटी बनाने से जुड़े कुछ ऐसे दिलचस्प नियम हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
पहले के समय में रोटी बनाते समय एक रोटी गाय की और एक रोटी कुत्ते की बनाई जाती थी। उसके अलावा दो रोटियां मेहमान के लिए बनाना निश्चित था। आज के समय में यह परंपरा खत्म हो गई है।
बचा हुआ आटा
रोटियां जब गिनकर बनाई जाती हैं, तब बचा हुआ आटा फ्रिज में रख दिया जाता है जिसकी वजह से उसमें बैक्टीरिया उत्पन्न हो जाते हैं। जो सेहत के लिहाज से हानिकारक होते हैं। बासी आटे की रोटी नहीं बनानी चाहिए।
सूर्य और मंगल
धार्मिक दृष्टि से बात करें तो रोटी का संबंध सूर्य और मंगल ग्रह से होता है। वहीं, बासी आटे का संबंध राहु से होता है।
कुत्ते को खिलाएं
बासी आटे से बनी रोटी को कुत्ते को खिलाना चाहिए। अगर उस बासी आटे की रोटी हम खुद खा लेते हैं तो इसके कारण हम सामान आवाज से ज्यादा तेज बोलने लगते हैं।
राहु का दुष्प्रभाव
गिनकर रोटी बनाने से न सिर्फ मंगल और सूर्य ग्रह कमजोर होते हैं, बल्कि राहु का दुष्प्रभाव भी जीवन पर पड़ता है। इसलिए रोटी गिनकर बनाने के लिए मना किया जाता है।
पशु-पक्षी को खिलाएं
अगर कभी आपसे रोटियां ज्यादा बन जाती हैं, तो इन्हें फेंके नहीं बल्कि अगर रोटियां बच जाती है तो इन्हें पशु पक्षी को खिलाएं।
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