मृत्यु के बाद अंतिम संस्कार विधि विधान से न किया जाए या फिर उस व्यक्ति की अकाल मृत्यु हो जाए तो उस व्यक्ति से जुड़े परिवार को पितृ दोष का सामना करना पड़ता है।
बिजनेस से लेकर नौकरी में किसी न किसी तरह से हानि होती है और काम नहीं होते हैं तो यह रुकावट पितृदोष के कारण हो सकती है।
घर में रह रहे लोगों के बीच किसी न किसी बात पर वाद-विवाद होता रहता है, तो यह पितृदोष का कारण हो सकता है।
पितृदोष की वजह से घर में मौजूद सदस्यों में से किसी न किसी का बीमार रहता है।
पितृदोष होने पर विवाह में किसी न किसी तरह की अड़चन आना या फिर विवाह हो जाने के बाद तलाक तक बात पहुंच जाना।
पितृदोष होने पर व्यक्ति को दुर्घटनाओं का सामना भी करना पड़ता है।
पितरों का अपमान करना, किसी सांप को मार देना। इससे सर्प के साथ पितृदोष लगता है, पितरों का विधिवत अंतिम संस्कार न करना, पितरों का श्राद्ध न करना, पीपल, नीम या फिर बरगद के पेड़ को कटवाना।