हाथों से कलावा किस दिन नहीं खोलना चाहिए?


By Shivansh Shekhar27, Feb 2024 02:30 PMnaidunia.com

मौली धागा का महत्व

सनातन धर्म में मौली धागा या कलावा का महत्व काफी ज्यादा होता है। इसे हरेक पूजा पाठ के दौरान बांधना बेहद ही शुभ और फलदायी माना जाता है।

सुरक्षा का सूचक

धार्मिक मान्यताओं के हिसाब से मौली धागा को सुरक्षा, सौभाग्य और मंगल का सूचक भी माना जाता है। इसके बांधे बिना कोई शुभ काम नहीं किया जा सकता है।

त्रिदेवों का आशीर्वाद

मौली धागा यानी कलावा को हाथों पर केवल बांध लेने से त्रिदेवों के साथ साथ त्रिदेवियों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। यह बेहद ही शुभ होता है।

बुरे समय में रक्षा

यह रक्षा सूत्र बुरे समय में भी हमारी रक्षा करता है। इसका काफी ज्यादा धार्मिक महत्व भी होता है जो कई मायनों में उत्तम माना जाता है।

किस दिन खोलना चाहिए?

कलावा को खोलने के लिए भी धार्मिक ग्रंथों में दिन बताया गया है। ऐसी मान्यता है कि हाथों में बंधे मौली धागा को शनिवार या मंगलवार के दिन खोलना चाहिए।

दूसरा कलावा बांधे

हालांकि, पुराने कलावे को खोलने के बाद जैसे ही आप कोई पूजा पाठ में बैठने जा रहे हैं तो सही मंत्रोचार के साथ हाथों में नया कलावा बांध लें।

कहां रखें कलावा?

कलावा उतारने के बाद इसे पीपल के पेड़ के नीचे रख दें। साथ ही आप इसे शुद्ध बहते हुए पानी में भी प्रवाहित कर सकते हैं। ऐसा करने से दोष नहीं लगता है।

डिसक्लेमर

इस लेख में दी गई सभी जानकारियां एक सामान्य मान्यताओं पर आधारित है जिसकी हम अपनी तरफ से कोई भी पुष्टि नहीं करते हैं।

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