हम सभी घर के मुख्य द्वार पर नेम प्लेट लगाते हैं। वास्तु शास्त्र में इसका भी महत्व माना जाता है और नेम प्लेट से जुड़ी कुछ गलतियों के बारे में बताया गया है।
सामान्य शब्दों में समझें तो नेम प्लेट पर घर में रहने वाले सदस्यों की जानकारी होती है। इससे जुड़े वास्तु टिप्स का पालन करना जरूरी माना जाता है। ऐसा न करने का बुरा असर सुख-समृद्धि पर पड़ सकता है।
वास्तु शास्त्र की मानें तो घर की दिशा के अनुसार, नेम प्लेट का रंग चुनना चाहिए। पूर्व दिशा वाले घरों में भूरे और हरे रंग की प्लेट लगाएं। वहीं, दक्षिण मुखी घर के लिए लाल रंग की नेम प्लेट का इस्तेमाल करना शुभ होता है।
घर के मुख्य द्वार के दाएं तरफ ही हमेशा नेम प्लेट लगानी चाहिए। ऐसा करने वालों के घर में सुख-समृद्धि काफी तेजी से बढ़ने लगती है।
नेम प्लेट के ऊपर भगवान गणेश या स्वास्तिक का चिन्ह जरूर बनवाएं। वास्तु शास्त्र में ऐसे चिन्हों को बनवाना शुभ माना जाता है।
मेन गेट पर लगी नेम प्लेट के लिए तांबा, स्टील या पीतल की धातु का इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा आप लकड़ी या पत्थर से बनी प्लेट का प्रयोग भी कर सकते हैं।
आपने भी देखा होगा कि कुछ लोगों के घर की नेम प्लेट गंदी नजर आती है। हालांकि, वास्तु शास्त्र में बताया गया है कि दोष से बचने के लिए उसकी साफ-सफाई रोजाना करनी चाहिए।
नेम प्लेट पर लिखे हुए शब्द बिल्कुल स्पष्ट नजर आने चाहिए। यदि आपके घर की नेम प्लेट पर लिखी हुई जानकारी को पढ़ा नहीं जा सकता है तो उसका कोई फायदा नहीं है।
यहां हमने जाना कि घर के मुख्य द्वार की नेम प्लेट कैसी होनी चाहिए। धर्म और अध्यात्म से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों को पढ़ने के लिए जुड़े रहें naidunia.com के साथ