सनातन धर्म में बुजुर्गों के पैर छूने की परंपरा है। ऐसा करना बड़ों का सम्मान करने का प्रतीक है।
वैदिक शास्त्र में पैर छूने के भी नियम बताए गए हैं। आइए आगे जानते है।
मंदिर में देवी-देवता से कोई बड़ा नहीं होता। ऐसे में भगवान के सामने किसी के पैर नहीं छूना चाहिए।
किसी सोते या लेटे हुए व्यक्ति के पैर नहीं छूने चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से व्यक्ति की उम्र घट जाती है।
अंतिम संस्कार में शामिल होकर लौटे किसी बुजुर्ग के पैर नहीं छूने चाहिए।
पति को भूलकर भी पत्नी के पैर नहीं छूने चाहिए। ऐसा करने से परिवार में कंगाली छाने लगती है।
कभी कुंवारी कन्याओं से पैर छुआने की गलती न करें। छोटी बच्चियों को देवी मां का रूप माना जाता है।