किसी भी कार्य को शुरु करने से पहले शुभ और अशुभ मुहूर्त का जरूर ध्यान दिया जाता है, मान्यता है कि शुभ मुहूर्त में किया गया कार्यों में सफलता अवश्य मिलती है।
पंचांग के अनुसार, हर मास में 5 दिन ऐसे होते है जिसमें कई तरह के शुभ और मांगलिक काम करने की मनाही होती है। इन 5 दिनों के मेल को पंचक कहा जाता है।
पंचांग के अनुसार, 20 फरवरी को सुबह 1 बजकर 14 मिनट से शुरू हो रहे है, जो 24 फरवरी, शुक्रवार को सुबह 3 बजकर 44 मिनट पर समाप्त हो रहे हैं।
सोमवार के दिन शुरू होने के कारण इसे राज पंचक कहा जाएगा। इस दौरान सरकारी काम, संपत्ति से जुड़े काम करने में सफलता हासिल होगी।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पंचक के दौरान इन कार्यों की मनाही होती है।
पंचक के दौरान दक्षिण दिशा की ओर यात्रा करना शुभ माना जाता है क्योंकि इस दिशा को यम की दिशा माना जाता है।
मान्यता है कि पंचक के दौरान चारपाई नहीं बनानी चाहिए, क्योंकि इससे किसी बड़ी मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है।
पचंक के दौरान छत बनवाने के कारण घर में रहने वाले लोगों के बीच में तकरार बनी रहती है। इसके साथ ही धन हानि हो सकती है।
पंचक के दौरान धनिष्ठा नक्षत्र है, तो लकड़ी संबंधी कुछ कामों की मनाही होती है। पंचक के दौरान घास, लकड़ी इकट्ठा करने और जलाने की मनाही होती है।