ज्यादातर मां-बाप बच्चे की शैतानी करने पर उन्हें पीटने लगते हैं या फिर डांटने लग जाते हैं। ऐसा करने से बच्चों पर मानसिक रूप से बुरा प्रभाव पड़ता है।
बच्चा जब गलती करे तो बुरी तरह से उस पर चिल्लाने और झल्लाने के बजाय उन्हें प्यार और आराम से समझाएं।
गलती ऐसी है जिससे किसी का कोई नुकसान नहीं हुआ है, तो उसके लिए इस तरह से डांटना सही नहीं। इससे बच्चा अग्रेसिव हो सकता है या फिर दब्बू।
गलती होने पर बच्चों को सबके सामने न डांटे। प्यार से अकेले ले जाकर समझाना। ये तरीका बहुत काम करता है। दूसरे बच्चों से कम्पेयर न करें।
गलती होने पर पेरेंट्स को बच्चों को टोकने की जगह गलती सुधारने के तरीके बताने चाहिए। उनके दोस्त बनकर बातचीत करना चाहिए।