पंडित प्रदीप मिश्रा अपनी कथा में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए पशुपतिनाथ का व्रत करने की सलाह दते हैं, जानिए क्या हैं इसके नियम।
पशुपतिनाथ का व्रत पांच सोमवार को किया जाता है, इसे किसी भी सोमवार से शुरू कर सकते हैं।
पशुपतिनाथ के व्रत में सुबह मंदिर में शिवजी का अभिषेक करें, शाम को उसी थाली को घर में लाकर रखें।
पशुपतिनाथ व्रत में शाम को मंदिर में भगवान शिव के सामने 5 दिए जलाएं और प्रसाद भी अर्पित कर उसके तीन हिस्से कर दो मंदिर में रखें।
पशुपतिनाथ व्रत में शाम को मंदिर से लौटते समय एक दिया घर के दरवाजे पर रख दें और शिवजी का ध्यान कर मनोकामना की पूर्ति करने की प्रार्थना करें।
पशुपतिनाथ व्रत को पांच सोमवार तक करने के बाद उद्यापन करने के बाद ही इसे बंद करें। इस बात का ध्यान अवश्य रखें।