पितृ पक्ष 18 सितंबर से शुरू हो रहे हैं। इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए कुछ उपाय किए जाते हैं। पूर्वजों को प्रसन्न करने के लिए उन्हें जल भी अर्पित किया जाता है।
पितृ पक्ष में जल चढ़ाने के कुछ नियम बताए गए हैं। जल अर्पित करने के लिए सबसे पहले सुबह स्नान कर लें और साफ कपड़े पहनें। इसके बाद ही जल अर्पित करने जाएं।
जल अर्पित करते समय सूर्य की दिशा में मुंह करें। इसके बाद हाथों को सिर से ऊपर ले जाएं और जल अर्पित करें।
जल अर्पित करने के लिए तांबे के लोटे का इस्तेमाल करना चाहिए। एक बात का ध्यान रखें कि जल ऐसी जगह पर अर्पित करें, जहां से आपको बार-बार आना या जाना न पड़ें।
पितरों को प्रसन्न करने के लिए जल अर्पित करते समय ‘ॐ पितृभ्यो नमः’ मंत्र का जाप करें। इससे पितृ दोष का प्रभाव भी कम होता है।
साफ पानी का एक लोटा भर लें और उसमें काले तिल डाल लें। इसके बाद ही, सही विधि से पितरों को जल अर्पित करें।
ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि जल अर्पित करने के दौरान धूप या दीपक भी जला सकते हैं। इससे पितरों की नाराजगी को दूर किया जा सकता है।
यहां दी गई तमाम जानकारी सामान्य और धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसके जरिए हमारी तरफ से कोई दावा नहीं किया जा रहा है।
यहां हमने जाना कि पितृ पक्ष के दौरान किस विधि से जल अर्पित करना चाहिए। इस तरह की अन्य धर्म और अध्यात्म से जुड़ी खबरों को पढ़ने के लिए जुड़े रहें naidunia.com के साथ