कुछ सावधानियों के साथ कान के दर्द से बचा जा सकता है। वर्तमान में ध्वनि प्रदूषण बढ़ता जा रहा है। तेज ध्वनि से कान को बचाएं एवं अत्यधिक फास्ट फूड्स,तेल,कोल्ड ड्रिंक्स,सिगरेट और शराब का सेवन न करें।
समय-समय पर कान की सफाई जरूरी है किंतु कान की सफाई सावधानी के साथ करनी चाहिए नुकीली चीज से कान की सफाई न करें।
युवाओं को अक्सर देखा जाता है कि नित्य प्रति हेडफोन इयरफोन का उपयोग करते रहते हैं। बाइक चलाते समय या सोते समय भी कान में हेडफोन,ईयर फोन लगाए रहते हैं ऐसा करना कान के लिए अति हानिकारक है।
तेज ध्वनि से बचते हुए वाद्य यंत्रों को सुनना या उनके करीब जाना कान के पर्दों को नुकसान पहुंचाता है। आजकल डीजे,पार्टी,पब का चलन बढ़ा है जहां कान को नुकसान पहुंचाने वाली कर्कश ध्वनियां बजती है।
पहले के समय में केवल पर्व-पर्व पर ही विशेष दीपावली पर पटाखे जलाए जाते थे किंतु अब छोटी-छोटी खुशियां मनाने के लिए बड़े-बड़े पटाखे फोड़े जा रहे हैं। विस्फोटक पटाखों से कान के पर्दे को नुकसान होता है।
ध्यान रखें कि कान में पानी या शैम्पू न जाए साथ ही,कान दर्द के रोगी को ठंडी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। सर्दी भी कान दर्द का कारण बन सकता है।
अक्सर कान का दर्द सर्दी के मौसम होते देखा जाता है क्योंकि संक्रमण बढ़ जाता है और कान बहने भी लगता है। जब किसी व्यक्ति को सर्दी,जुकाम तथा एलर्जी हो तो नाक,कान,गले में समस्या होती है।