पूजा के दौरान, कई नियमों का पालन करना चाहिए। आइऐ जानते है पूजा के समय भगवान को भोग लगाते हुए किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
भगवान की पूजा करने और उनका आभार प्रकट करने से परिवार की खुशियां हमेशा बनी रहती है। साथ ही, घर में सकारात्मकता भी आती है।
पूजा के समय भोग लगाना भी बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। मान्यता अनुसार, भोग लगाते समय कुछ नियमों को अवश्य ध्यान में रखना चाहिए।
भगवान को भोग लगाने के बाद ही इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण करना चाहिए। ऐसा करने से हमेशा ही भगवान की कृपा औप दृष्टि, साधक पर बनी रहती है।
भोग हमेशा साफ-सुथरे और शुद्ध तरीके से ही बनाना चाहिए। देवी-देवताओं को हमेशा उनका पसंदीदा भोग अर्पित करने का प्रयास करना चाहिए। भोग लगाते समय पात्र (बर्तन) का भी ध्यान देना चाहिए।
भोग लगाते समय तांबे, पीतल, मिट्टी, सोने, चांदी और लकड़ी से बने बर्तनों का ही उपयोग करना चाहिए। प्रसाद को कभी भी प्लास्टिक,स्टील, एल्युमीनियम या लोहे के बर्तन में नहीं चढ़ाना चाहिए।
प्रसाद चढ़ाते समय त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये।गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।। मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र के जाप का अर्थ है कि ईश्वर आपका प्रसाद स्वीकार कर आपकी मनोकामना पूर्ण करें।
पूजा के तुरंत बाद भोग को नहीं हटाना चाहिए, न ही उसे ज्यादा देर के लिए मंदिर में रखना चाहिए। ऐसे में पूजा के 5 मिनट बाद ही आप भोग को मंदिर से हटा सकते है।
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