हिंदू धर्म में पुराण और ग्रंथों का विशेष महत्व माना गया है। जन्म से लेकर मृत्यु तक की कुछ रोचक जानकारियों का जिक्र गरुड़ पुराण में किया गया है।
कुछ लोग अपने जीवन की कठिनाइयों से परेशान होकर जीवन समाप्त करने का मन बना लेते हैं। लोगों का मानना होता है कि ऐसा करने से उन्हें कष्टों से छुटकारा मिल जाएगा।
गरुड़ पुराण के मुताबिक, आत्महत्या करना अपराध है। इस अपराध की सजा व्यक्ति को मौत के बाद जरूर मिलती है।
आत्महत्या करने वालों को मौत के बाद किस तरह की सजा का सामना करना पड़ता है। चलिए इसके बारे में जान लेते हैं।
गरुड़ पुराण में उल्लेख है कि आत्महत्या करने वालों को जन्म के लिए अगला शरीर उनकी उम्र पूरी होने से पहले नहीं मिलता है।
गरुड़ पुराण में ऐसा भी जिक्र है कि इन आत्माओं को भूत, प्रेत और पिशाच योनि धारण कर अपना समय चक्र पूरा करना पड़ता है।
आत्महत्या करने वाले लोगों की आत्मा को मृत्यु के बाद शांति नहीं मिलती है। ऐसे लोग अपने कर्मों की वजह से बुरी दशा में पहुंच जाते हैं।
ऐसा कहा जाता है कि आत्महत्या करने वालों को श्राद्ध और तर्पण के बाद भी मुक्ति नहीं मिल पाती है। इसलिए आत्महत्या करने से बचना चाहिए।