सनातन धर्म में ग्रहों का काफी ज्यादा महत्व होता है। हम सभी का जीवन ग्रहों के अनुसार ही चलता है यहां तक कि हमारी उन्नति भी इसी पर टिकी रहती है।
यदि आपके ग्रह अपने अनुकूल हैं तो जीवन में सब कुछ अच्छा रहता है। हरेक ग्रह का हमारे जीवन पर अलग अलग महत्व है।
ज्योतिष शास्त्र में केतु को एक पापी ग्रह माना गया है और जिस इंसान की कुंडली में केतु का दोष होता है उसके जीवन में परेशानियां भर जाती हैं।
शास्त्रों में यह भी बताया गया है कि कुंडली में केतु का दोष होने से कालसर्प का दोष भी बनता है। जिस व्यक्ति के जीवन में केतु का दोष हो उसे केतु रत्न पहनने चाहिए।
हिंदू धर्म में भगवान श्री गणेश को केतु का कारक माना गया है। ऐसे में जो व्यक्ति केतु के दोष से परेशान है उसे भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए।
हिंदू धर्म में भगवान श्री गणेश को केतु का कारक माना गया है। ऐसे में जो व्यक्ति केतु के दोष से परेशान है उसे भगवान गणेश की पूजा करनी चाहिए।
केतु के गहरे प्रकोप से बचने के लिए शनिवार के दिन व्रत रखना चाहिए। इस दोष से मुक्ति पाने के लिए आपको 18 शनिवार का व्रत रखना चाहिए।
इसके अलावा हरेक शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे घी का दिया जलाएं और गरीबों को दान पुण्य भी करें। ऐसा करने से शुभ फल मिलेंगे।
शनिवार व्रत के दिन एक पात्र में कुशा और दूर्वा रख लें, फिर उसमें पानी भरकर पीपल के पेड़ की जड़ में अर्पित करें। इन उपायों को करने से आपको जरूर लाभ मिलेगा।