घेवर के बिना फीका है राखी का त्यौहार, जानें इतिहास


By Prakhar Pandey24, Aug 2023 12:56 PMnaidunia.com

त्यौहार

त्यौहारों पर मिठाइयों का महत्व बढ़ जाता है। आज हम आपको बताएंगे कि राखी के त्योहार के लिए घेवर को क्यों खास माना जाता है और क्या हैं इसका इतिहास?

राखी

राखी का त्यौहार भाई और बहन का पवित्र त्यौहार माना जाता है। इस दिन बहन अपने भाई को राखी बांधकर मीठा खिलाती है और बदले में भाई उसे उपहार देता हैं।

मौसमी मिठाई

घेवर खासतौर पर एक मौसमी मिठाई होती है। इसे मानसून में खाने का अपना ही महत्व होता है, घी से बनी इस मिठाई को कई लोग बेहद पसंद करते हैं।

घेवर

घेवर को मैदा और अरारोट के मिश्रण से कई प्रकार के सांचों में डालकर बनाया जाता है। घेवर के बनने की प्रक्रिया में इसे चाशनी में डुबोकर रबड़ी और सूखे मेवों से सजाया जाता है।

फ्लेवर

घेवर की लगातार बढ़ती प्रसिद्धि की वजह इसमें दिन प्रतिदिन जुड़ते नए फ्लेवर है। आज कल बाजार में मलाई घेवर, केसर घेवर, पनीर घेवर और मावा घेवर जैसी कई प्रकार उपलब्ध है।

पसंदीदा मिठाई

देश के कई हिस्सों की घेवर एक पसंदीदा मिठाई है। इसे खासतौर पर मानसून में खाने की वजह वात और पित्त की शिकायत को कम करना है। घेवर फैट संतुलित कर शरीर की ड्राईनेस को कम करता है।

रक्षाबंधन

राजस्थान की इस मशहूर डिश को रक्षाबंधन पर बहनें अपने मायके लेकर जाती है। रक्षाबंधन और घेवर को लेकर कई कहानियां प्रचलित है।

इतिहास

कहा जाता हैं कि घेवर पर्शिया से भारत में आया था। राजस्थान के मिठाईवालें इसे ईरान की एक मिठाई से जोड़ कर बताते है। घेवर के इतिहास से जुड़ी स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं है।

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