Ramnavami: यहां बनता है शुद्ध घी का प्रसिद्ध 'मालपुआ', 100 साल से लग रहा भोग


By Vinita sinha2023-03-29, 16:03 ISTnaidunia.com

100 साल से लग रहा मालपुआ का भोग

रायपुर के पुरानी बस्ती स्थित जैतूसाव मठ में रामनवमी के अवसर पर भगवान श्रीराम को शुद्ध घी से बनाए गए मालपुआ का भोग 100 साल से अर्पित किया जा रहा है।

30 मार्च को रामनवमी

30 मार्च को श्रीरामचंद्र स्वामी का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। दोपहर 1 बजे भोग अर्पित कर महाआरती की जाएगी। शाम 5 बजे से प्रसाद वितरण किया जाएगा। भोग लगाने के बाद मंदिर परिसर में ही बिठाकर मालपुआ खिलाते है।

तीन दिनों में बनता है मालपुआ

पिछले तीन दिनों से जैतूसाव मठ में मालपुआ बनाया जा रहा है। हजारों श्रद्धालुओं के लिए मालपुआ बनाने में तीन दिन से अधिक समय लगता है।

प्रसाद की मात्रा में बढ़ोतरी

जैतूसाव मठ के ट्रस्टी बताते हैं कि शुरुआती दौर में मात्र 11 किलो का मालपुआ बनाया जाता था। भक्तों की संख्या बढ़ने के साथ ही प्रसाद की मात्रा भी बढ़ती चली गई।

11 क्विंटल से अधिक मालपुआ

वर्तमान में 11 क्विंटल से अधिक का मालपुआ बनाया जा रहा है। मालपुआ बनाने के लिए सात क्विंटल गेहूं का आटा, पांच क्विंटल शक्कर, 25 पीपा तेल और 15 पीपा घी मंगवाया गया है।

काली मिर्च-सौंफ

मालपुआ में मीठा के साथ तीखा स्वाद लोगाें को भाता है, इसलिए सात-आठ किलो काली मिर्च और सौंफ मिलाकर मालपुआ तैयार किया जाता है। सभी सामग्री मिलाकर घोल बनाया जाता है।

पैरा पर सुखाने की पंरपरा

बड़े से तवे पर कटोरी से घोल को डालकर सेंका जाता है। कढ़ाई में मालपुआ तलने के बाद उसे गोमाता के चारे, पैरा के उपर रखकर सुखाया जाता है।

चूल्हे पर मालपुआ को तलना

सूखने के बाद लकड़ी से जलने वाले चूल्हे पर तला जाता है। कीड़े-मकोड़े और चींटिंया पास न फटके इसकी विशेष व्यवस्था की जाती है।

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