वर्तमान समय में ऑफिस एक ऐसी जगह है, जहां लोग अपना ज्यादा समय बिताते हैं। काम का प्रेशर मेंटल हेल्थ पर गंभीर प्रभाव डालता है।
ऑफिस के बढ़ते स्ट्रेस के कई कारण होते हैं। आइए जान लेते हैं कि किन वजह से संस्थानों में काम करने वाले लोगों का स्ट्रेस लेवल बढ़ता जा रहा है।
ज्यादातर वर्कप्लेस में खराब मैनेजमेंट की समस्या देखने को मिलती है। बातचीत का आसान तरीके की मदद से कर्मचारियों के स्ट्रेस को कम किया जा सकता है।
कर्मचारियों पर कई तरीके से एक्स्ट्रा प्रेशर बनाया जाता है। कभी उनसे इंक्रीमेंट के नाम पर ज्यादा काम कराया जाता है तो कभी परफॉर्मेंस का हवाला दिया जाता है।
नेपोटिज्म ज्यादातर वर्कप्लेस पर देखने को मिलता है। कंपनियों में किसी ऐसे एम्पलाई को बढ़ावा देना, जिसे ज्यादा काम नहीं आता हो नेपोटिज्म का उदाहरण है।
वर्कप्लेस के स्ट्रेस की वजह से लोगों की सामान्य जीवन शैली भी प्रभावित होती है। बिजी काम के शेड्यूल की वजह से लोग जाने अनजाने में कई बीमारियों की गिरफ्त में आ जाते हैं।
स्ट्रेस की वजह से लोगों को नींद आनी भी बंद हो जाती है। हालांकि, अच्छी लाइफस्टाइल के लिए 7 घंटे की नींद लेनी जरूरी है।
ऑफिस की बाते दिमाग में चलने की वजह से दिमाग शांत नहीं रहता है। साथ ही, इससे प्रोटक्टिविटी के कम होने का खतरा भी बना रहता है।