Sunderkand Path: क्या हम दोपहर में सुंदरकांड कर सकते हैं? जानें


By Sahil04, Sep 2023 06:21 PMnaidunia.com

सुंदरकांड का पाठ

हिंदू धर्म में कई ग्रंथों का विशेष महत्व माना जाता है। इनमें से एक सुंदरकांड का पाठ भी है। इसका पाठ करने से फायदा जरूर होता है, लेकिन नियमों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।

विपत्तियां होती है दूर

धार्मिक मान्यता है कि सुंदरकांड का पाठ करने से जीवन की तमाम विपत्तियां दूर होती है। इसके अलावा, सफलता के मार्ग में आने वाली बाधाएं भी समाप्त हो जाती हैं।

रोजाना करें सुंदरकांड का पाठ

सुंदरकांड का पाठ रोजाना करना बेहद शुभ होता है। यदि विधि-विधान के जरिए इसका पाठ किया जाता है तो इच्छा अनुसार फल भी मिलता है।

इस समय करें पाठ

ज्योतिष के मुताबिक, सुंदरकांड का पाठ करने के लिए सुबह या शाम के 4 बजे के बाद का समय सही होता है। ऐसा भी कहा जाता है कि इस समय पाठ करने से मनोकामनाएं जल्दी पूर्ण होती हैं।

12 बजे के बाद न करें पाठ

सुंदरकांड का पाठ दोपहर 12 बजे के बाद करना शुभ नहीं माना जाता है। मान्यता के मुताबिक, इस समय हनुमान जी खुद प्रभु श्रीराम की भक्ति करते हैं।

12 बजे के बाद न करें पाठ

सुंदरकांड का पाठ दोपहर 12 बजे के बाद करना शुभ नहीं माना जाता है। मान्यता के मुताबिक, इस समय हनुमान जी खुद प्रभु श्रीराम की भक्ति करते हैं।

अधूरा न छोड़ें पाठ

सुंदरकांड का पाठ कभी भी अधूरा नहीं छोड़ना चाहिए। एक बार इसे शुरू कर दें तो पूरा करने के बाद ही उठना चाहिए। दरअसल, अधूरा पाठ करने से हनुमान जी नाराज हो सकते हैं।

घी का दीपक जलाएं

सुंदरकांड का पाठ शुरू करने से पहले घी का दीपक जलाना चाहिए। बजरंगबली को भोग लगाने के लिए फल, गुड़, लड्डू तैयार करें।

पाठ करने के लाभ

सुंदरकांड का पाठ करने से विपत्तियों से छुटकारा मिलता है और मन को शांति भी मिलती है। इसके साथ ही, किसी भी कार्य को करने की शक्ति प्राप्त होती है

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