श्री कृष्ण जन्माष्टमी हिंदू धार्मिक शास्त्रों के अनुसार 6 सितंबर को मनाई जा रही है। जबकि समयानुसार यह 6 सितंबर को शुरू होकर 7 सितंबर को खत्म होगी। आइए जानते हैं कान्हा के किन मंदिरों में होती हैं सबसे ज्यादा भीड़।
श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का इंतजार हर भक्त पूरे साल करता है। लड्डू गोपाल का जन्मदिन घरों के अलावा मंदिरों में बेहद धूमधाम से मनाया जाता हैं।
श्री कृष्ण जन्माष्टमी के दिन वृन्दावन के बांके बिहारी मंदिर में भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है। इस मंदिर में हर दिन हजारों श्रद्धालु दर्शन करने आते है।
गुजरात के द्वारका में स्थित द्वारकाधीश मंदिर में भी कृष्ण जन्मोत्सव के दिन श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है। इस मंदिर का निर्माण कृष्ण द्वारा भूमि के एक टुकड़े पर किया गया था जो समुद्र से प्राप्त हुआ था।
गुजरात के अहमदाबाद में स्थित जगन्नाथ मंदिर में भी श्री कृष्ण जन्मोत्सव बेहद शानदार तरीके से मनाया जाता हैं। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन इस मंदिर में भी काफी सारे श्रद्धालु आते है।
गुजरात के अहमदाबाद में स्थित जगन्नाथ मंदिर में भी श्री कृष्ण जन्मोत्सव बेहद शानदार तरीके से मनाया जाता हैं। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन इस मंदिर में भी काफी सारे श्रद्धालु आते है।
इस्कॉन मंदिर भारत के विभिन्न शहरों में स्थित हैं। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन इस्कॉन के लगभग सभी मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ होती हैं।
प्रेम मंदिर भी उत्तर भारत के कई शहरों में स्थित हैं। प्रेम मंदिर भी श्रीकृष्ण के सबसे खूबसूरत मंदिरों में से एक है। इस मंदिर में भी श्री कृष्ण का जन्मदिन बेहद हर्षों-उल्लास के साथ मनाया जाता हैं।
मंदिरों तक न पहुंच पाने वाले श्रद्धालु अपने घर में भी कृष्ण जी के जन्मदिन को उतस्व की तरह मनाते है। श्री कृष्ण बाल गोपाल हैं, वो अपने हर भक्त उसी रूप में प्राप्त है जिस रूप में वह उन्हें भजता है।