गुरुवार का दिन देव गुरु बृहस्पति को समर्पित होता है। आइए जानते है वैवाहिक संबंधों में सुधार के लिए किस चालीसा का पाठ करनी चाहिए?
गुरु बृहस्पति की विधिवत पूजा और पाठ से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने का विधान होता है।
कुंडली में गुरु की स्थिति प्रबल करने के लिए बृहस्पति चालीसा का पाठ करना चाहिए। इस चालीसा के पाठ करने से वैवाहिक संबंधों में सुधार होता है।
अगर कुंडली में बृहस्पति दुर्लभ अवस्था में हो तो बृहस्पति चालीसा का पाठ आपको कई प्रकार से लाभ पहुंचा सकता है। इस चालीसा के जाप से बृहस्पति सुलभ स्थिति में आता है।
पति और पत्नी के बीच अगर वैवाहिक जीवन में मनमुटाव रहता है तो इस चालीसा के पाठ से शांति मिलती है। हर गुरुवार बृहस्पति चालीसा का पाठ करना चाहिए।
गुरु बृहस्पति के कमजोर होने पर बृहस्पति चालीसा का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से गुरु ग्रह मजबूत होता है।
बृहस्पति मजबूत होने पर शीघ्र विवाह के योग भी बनते है। यह ग्रह मजबूत हो तो समय पर शादी हो जाती है। बृहस्पति ग्रह कमजोर होने पर विवाह के योग समेत सभी क्षेत्रों में जूझना पड़ता है.
ज्योतिष के अनुसार, बृहस्पति ग्रह उपचार, समृद्धि, सौभाग्य, विकास, विस्तार और चमत्कार के सिद्धांतों का प्रतिनिधित्व करता है। कुंडली में अगर यह सही स्थिति में हो तो व्यक्ति काफी तरक्की करें।