यह एक पवित्र धार्मिक ग्रंथ है, जिसमें भगवान शिव से जुड़ी बातों को बताया गया है। इस ग्रंथ में शिव पूजा की सही विधि को भी विस्तार से बताया गया है।
भगवान शिव अंतरिक्ष के स्वामी है। इनकी पूजा गलत दिशा में करने से लाभ की जगह भगवान शिव का क्रोध झेलना पड़ सकता है।
इस दिशा में बैठकर शिव पूजा नहीं करनी चाहिए। इस दिशा में पूजा करने से भगवान शिव नाराज हो सकते है।
पूर्व दिशा में इसलिए शिव पूजा नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह दिशा भगवान शिव के सामने पड़ती है और शिव के सामने कभी खड़ा नहीं होना चाहिए।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिशा में भी बैठकर शिव पूजा नहीं करनी चाहिए, वरना भगवान शिव नाराज हो सकते है।
पश्चिम दिशा में बैठकर पूजा इसलिए नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह दिशा में शिवलिंग के पीछे पड़ती है।
शिव पूजा के लिए उत्तर दिशा भी गलत होता है। उत्तर दिशा में बैठकर शिवलिंग का अभिषेक वर्जित माना गया है।
शिव पुराण के अनुसार शिव पूजा के लिए दक्षिण दिशा में बैठकर पूजा करनी चाहिए। इस दिशा में पूजा करने से शिव जी प्रसन्न होते है।