रुद्राक्ष 21 मुखी तक होता है। इनमें 11 प्रकार के सबसे अधिक इस्तेमाल होते हैं। हर रुद्राक्ष की अपनी एक महिमा है।
धार्मिक मान्यता के अनुसार एक बार तपस्या के दौरान महादेव के नेत्रों से कुछ आंसू की बूंदें धरती पर गिरी। जिनसे रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई।
रुद्राक्ष धारण करने वाले जातकों से नकारात्मक शक्तियां दूर रहती है। रुद्राक्ष धारण करने के बाद मांस-मंदिरा का सेवन न करें।
रुद्राक्ष का वृक्ष नेपाल, थाईलैंड और इंडोनेशिया में यह पेड़ पाया जाता है। भारत में भी पहाड़ी इलाकों में पाया जाता है।
जन्मकुंडली में ग्रहों की स्थिति को देखते हुए रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। पांच मुखी रुद्राक्ष कोई भी धारण कर सकता है। रुद्राक्ष कभी भी काले रंग के धागे में नहीं पहनना चाहिए।