शनि देव प्रसन्न हों, तो जीवन की बाधाएं दूर होती हैं। इसलिए शनिदेव की विधि-विधान से पूजा करने से जातक को लाभ मिलता है।
जिन लोगों की कुंडली में शनि दोष होता है, वे लोग इसे दूर करने के लिए कई तरह से शनिदेव की पूजा-अर्चना करते हैं।
लेकिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए पूजा या उपाय के दौरान कुछ खास नियमों की अनदेखी बिल्कुल ना करें।
ज्योतिष में सूर्य को शनि का शत्रु माना जाता है। तांबा सूर्य को बहुत प्रिय है, इसलिए शनि पूजा में तांबे के लोटे का इस्तेमाल ना करें।
शनिदेव की दृष्टि अशुभ मानी जाती है। इसलिए शनि की पूजा करते समय ना तो उनके सामने खड़े हों और ना ही उनकी आंखों को देखें।
शनि का पूजा में लाल रंग के वस्त्र ना पहनें। लाल रंग, उनके शत्रु मंगल का प्रतीक होता है। शनिदेव को काला या नीला रंग प्रिय है।
शनिदेव को पश्चिम दिशा का स्वामी माना जाता है। इसलिए उनकी पूजा करते समय पश्चिम दिशा में मुंह करके बैठें।