फ्री वाइ-फाइ के जरिए ठग आसानी से फोन या लैपटाप को एक्सेस कर आपके फोन से पूरा डेटा चुरा सकते हैं। ऐसे में आनलाइन पेमेंट करने से बचें।
आपका मोबाइल नंबर या ई-मेल एड्रेस आपके अकाउंट से लिंक हो क्योंकि किसी संदिग्ध गतिविधि में आपके मोबाइल नंबर पर आपको अलर्ट मिलेगा। जीमेल या किसी अन्य अकाउंट में मोबाइल नंबर जरूर जोड़े
कई बार पासवर्ड रीसेट करना पड़ता है। ऐसे में पासवर्ड मैनेजर आपकी मदद कर सकता है। पासवर्ड मैनेजर मजूबत पासवर्ड बनाने के अलावा पासवर्ड को याद रखने में भी आपकी मदद करता है।
मोबाइल या लैपटाप में साफ्टवेयर अपडेट समय-समय पर करते रहें। एप्स, ब्राउजर और अन्य सभी साफ्टवेयर को अपडेट रखना जरूरी है। अनदेखा या देरी करने से वायरस के हमलों और आनलाइन खतरों की चपेट में आ जाते हैं।
डिजिटल दुनिया में टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन काफी महत्वपूर्ण है। टू फैक्टर आथेंटिकेशन आन होने के बाद जब भी आप किसी नई डिवाइस पर लाग इन करते हैं तो मोबाइल नंबर पर एक कोड आता है और उसके बाद ही लाग इन होता है।
गूगल के पास सिक्योरिटी चेकअप टूल है। इसका उपयोग यह जानने के लिए कर सकते हैं कि आपका कोई पासवर्ड हैक हुआ है या नहीं। यह आपके द्वारा साइन इन किए गए डिवाइस और आपके रिपीट पासवर्ड और बहुत कुछ दिखाता है।
अक्सर हम अकाउंट को लाग.इन करने के बाद लंबे समय तक उपयोग न होने के बावजूद उसे लाग आउट करना भूल जाते हैं। लाग आउट ना होने की स्थिति में अवैध गतिविधियां बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है।
वायरस से सिस्टम को बचाने के लिए एंटी वायरस को अपडेट रखें। इसके साथ फायरवाल आन रखें। अभिभावकों की जिम्मेदारी होती है कि आवश्यक होने पर ही बच्चे को इंटरनेट को उपयोग करने देना चाहिए।
वेबसाइट को सब्सक्राइब करने के बाद अनचाहे ई-मेल आ रहे हैं तो उसे अनसब्सक्राइब कर दें। अगर वेब से आ रहे ई-मेल को अनसब्सक्राइब करते हैं तो गूगल उसे सक्रिय नही होने देता।