मंदिर के बाहर और अंदर घंटियां जरूर देखने को मिलती है। श्रद्धालु इसे बजाकर अपनी भक्ति भगवान के प्रति व्यक्त करते हैं। चलिए आपको बताते हैं इसके पीछे का वैज्ञानिक कारण।
मंदिर की घंटियों की परंपरा काफी पुरानी है। ऐसा माना जाता है की घंटी की आवाज सुनकर भगवान खुश होते हैं और आपकी सुनते हैं।
मंदिर की घंटियों के पीछे धार्मिक के अलावा वैज्ञानिक कारण भी है, जिसके बारे में जानकर आप हैरान भी हो सकते हैं।
वैज्ञानिकों के मुताबिक, घंटी की आवाज से वातावरण में तेज कंपन पैदा होता है। घंटी की गूंज से वातावरण में मौजूद हानिकारक जीवाणु, विषाणु नष्ट हो जाते हैं।
घंटियों की आवाज वातावरण को शुद्ध करने के साथ ही हमारे शरीर के लिए भी फायदेमंद होती है। घंटी की आवाज सात सेकेंड तक मौजूद रहती है, जिससे शरीर के सातों चक्र सक्रिय हो जाते हैं।
शरीर के सातों चक्रों के सक्रिय होने से नकारात्मक विचार खत्म हो जाते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह पूरी बॉडी में होता है।
ऐसा माना जाता है कि घंटी बजाने से देवी देवताओं की चेतना जागृत होती है। साथ ही, देवी-देवताओं को शंख और घंटियों की आवाज पसंद होती है।
घंटियों की आवाज सुनकर देवी-देवताओं की खुशी का ठिकाना नहीं रहता है। वह उपासना करने वाले व्यक्ति की प्रार्थना को भी ध्यानपूर्वक सुनते हैं।