किसी व्यक्ति के कुंडली में पितृदोष के कारण परेशान है तो शनि अमावस्या पर कुछ आसान उपाय को अपनाने से छुटकारा पाया जा सकता है। आइए जानते हैं कि शनि अमावस्या पर कौन-से उपाय करने पर पितृदोष दूर होगा-
पंचांग के अनुसार, चैत्र माह की अमावस्या तिथि 28 मार्च को शाम 6 बजकर 43 मिनट पर शुरू होगी और 29 मार्च को शाम 4 बजकर 33 मिनट समाप्त होगी। उदय तिथि के अनुसार अमावस्या पूजन 29 मार्च को किया जाएगा।
शनिदेव को प्रसन्न के लिए इस दिन शनि मंदिर में सरसों के तेल का दीपक जलाएं और उसमें कुछ काले तिल को मिलाएं। ऐसा करने से पितृ दोष दूर होता है और जीवन में सुख-शांति का वास होता है।
शनि अमावस्या के दिन पीपल पेड़ की पूजा करना बेहद जरूरी होता है। इस दिन पीपल के जड़ में दूध व जल अर्पित करें। साथ ही घी का दीपक जलाएं और 7 बार परिक्रमा करें। ऐसा करने से दोष से मुक्ति मिलती है।
शनि अमावस्या के दिन नवग्रह की पूजा करना शुभ माना जाता है। साथ ही, शनि चालीसा और शनिमंत्रों का पाठ करें। इससे व्यक्ति के कुंडली में शनिदोष दूर होता है।
शनि अमावस्या के दिन गरीबों और जरुरतमंदों में दान करना शुभ माना जाता है और ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। साथ ही, उनकी कृपा प्राप्त होती है।
शनि अमावस्या के दिन काली गाय की पूजा करना शुभ माना जाता है। काली गाय की पूजा करते समय 8 बूंदी के लड्डू खिलाए और 7 बार परिक्रमा करें। ऐसा करने से जीवन के सारे कष्ट दूर होते हैं।
शनि अमावस्या पर ये आसान उपाय करने से पितृदोष दूर होगा। एस्ट्रो से जुड़ी ऐसी ही अन्य खबरों के लिए पढ़ते रहें NAIDUNIA.COM