शारीरिक, मानसिक और आर्थिक लाभ के लिए शनिवार को न्याय के देवता शनि देव की पूजा करना काफी ज्यादा शुभ माना जाता है।
ऐसी मान्यता है कि अच्छे कर्म करने वालों पर कभी भी शनि की वक्री दृष्टि नहीं पड़ती है। शनि कर्म भाव का स्वामी माना जाता है। इनके शुभ प्रभाव से तरक्की मिलती है।
वहीं, जिसकी कुंडली में शनि कमजोर होते हैं और महादशा के दौरान बिजनेस में परेशानी, नौकरी का छूटना, पदोन्नति में बाधा और कर्ज आदि समस्या आती है।
यदि आपके साथ भी कुछ ऐसा ही हो रहा है तो विधि विधान से शनि देव की पूजा करें। शनिदेव की पूजा करने का समय शास्त्रों में बताया गया है। आइए उसके बारे में जानते हैं।
शनिवार का दिन शनि देव को समर्पित है। शास्त्रों में शनि देव की पूजा का सही समय सूर्यास्त के बाद माना जाता है। इस समय पूजा करने से वो भक्तों पर खुश होते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक शनि देव की पूजा शाम 6 बजे के बाद की जानी चाहिए। शाम के समय में शनि की पूजा बेहद खास मानी जाती है।
शनि देव की पूजा करते समय आपका मुंह पश्चिम दिशा की ओर होनी चाहिए। जब भी आप शनि देव की पूजा करें, तब लाल रंग के कपड़े न पहनें।
इस लेख में दी गई सभी जानकारियां एक सामान्य मान्यताओं पर आधारित है जिसकी हम अपनी तरफ से कोई भी पुष्टि नहीं करते हैं।