Shani is the god of justice : जानिए शनिदेव की विशेष बातें


By Rajneesh Bajpai2022-12-30, 22:40 ISTnaidunia.com

शनिदेव सूर्य पुत्र हैं

शनिदेव के पिता सूर्यदेव (पिता), छाया (माता) हैं। शनि ग्रह के प्रति अनेक आख्यान पुराणों में प्राप्त होते हैं। इन्हें कर्मफल दाता माना जाता है।

शनिदेव की नौ सवारियां

शनिदेव की सवारी नौ सवारियां हैं। हाथी, घोड़ा, हिरण, गधा, कुत्ता, भैंसा , गिद्ध , शेर और कौआ हैं।

संतुलन और न्याय का ग्रह

शनि को सन्तुलन और न्याय का ग्रह माना गया है। जो लोग अनुचित बातों के द्वारा अपनी चलाने की कोशिश करते हैं, शनिदेव उन्हें दंडित करते हैं।

सूर्य से बहुत दूर

नवग्रहों के कक्ष क्रम में शनि सूर्य से सर्वाधिक दूरी पर अट्ठासी करोड, इकसठ लाख मील दूर है।

पृथ्वी से दूरी

पृथ्वी से शनि की दूरी इकहत्तर करोड, इकत्तीस लाख, तियालीस हजार मील दूर है। शनि का व्यास पचत्तर हजार एक सौ मील है।

शनि के चारो तरफ वलय

शनि के चारों ओर सात वलय हैं,शनि के 15 चन्द्रमा है। जिनका प्रत्येक का व्यास पृथ्वी से काफ़ी अधिक है।

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