शनि की साढ़े साती होने का मतलब हैं व्यक्ति का हमेशा परेशान रहना। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इसके प्रभाव से व्यक्ति जो जीवन में दुष्परिणाम मिलते हैं। आइए जानते हैं इससे बचने की पूजा विधि।
साढ़े साती का अर्थ होता हैं 7 साल की अवधि। जब कुंडली में जन्म राशि से 12वें स्थान पर शनि का गोचर प्रारंभ होता है तो इसी समय से उस राशि पर साढ़ेसाती शुरू हो जाती हैं।
शनि के साढ़े साती से बच पाना मुश्किल हैं, ऐसे में कुछ उपायों से आप उन्हें खुश करके उनका प्रभाव कुछ हद तक कम कर सकते हैं।
शनि की साढ़े साती को कम करने के लिए घोड़े की नाल का छल्ला अपनी मध्यमा अंगुली में पहने, ऐसा करना बेहद लाभकारी होगा
शनि की साढ़े साती में काफी आर्थिक नुकसान भी होता हैं ऐसे में बड़ा आर्थिक लाभ पाने के लिए 1 के सिक्के पर तेल की बिंदी बना, चुपचाप शनि के मंदिर में रख दें। आर्थिक लाभ मिलेगा और रुकावटें दूर होंगी।
मान्यताओं के मुताबिक शनिदेव हनुमान जी की पूजा करने से काफी खुश होते हैं। मंगलवार और शनिवार के दिन बंदरों को गुड़ और चना खिलाएं। इससे भी आपको शनि की साढ़े साती में लाभ मिलेगा।
शनिदेव को खुश करने के लिए सरसों के तेल भरकर अपना चेहरा देखें और फिर इसे किसी जरूरतमंद को दान कर दें। ऐसा करने से आपके कार्यों में आ रही बाधाएं दूर होंगी।
शनिदेव की शनिवार के दिन विधिवत पूजा-पाठ करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं। साथ ही पीपल के पेड़ के पास शाम के समय सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए और सुबह में पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करना चाहिए।