वैदिक ज्योतिष में शनि को न्याय के देवता के रूप में वर्णित किया गया है। शनि सबसे धीमा ग्रह है।
शनि को राशि परिवर्तन में ढाई साल का समय लगता है। शनि 17 जून को कुंभ राशि में वक्री होंगे।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार जब कोई ग्रह वक्री होता है तो उसका प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है
शनिदेव 139 दिनों तक वक्री रहेंगे। ऐसे में इसका शुभ प्रभाव 3 राशि के जातकों को मिलेगा।
धनु राशि के जातकों को साहस और पराक्रम में वृद्धि का अनुभव होगा। आत्मविश्वास बढ़ेगा। धन की बचत कर पाएंगे।
तुला राशि वालों को अच्छे परिणाम मिलेंगे। धन लाभ हो सकता है। संतान पक्ष से कोई शुभ समाचार मिल सकता है।
मिथुन राशि के जातकों के लिए भी शनि अच्छे परिणाम देंगे। भाग्य का पूरा सहयोग मिलेगा। सभी अधूरे कार्य पूरे होंगे।
शनिदेव की हर शनिवार को पूजा करें। पीपल के पेड़ के नीचे कड़वे तेल का दीपक जलाएं।
काला धागा गले में पहनें। ऐसा करने से शनिदेव की अनिष्टता शांत होती है।
शनिवार के दिन कांसे की कटोरी में तिल का तेल भरें। उसके बाद उसमें अपना प्रतिबिंब देखकर दान करें।