मौनी अमावस्या तिथि का आरंभ 21 जनवरी शनिवार सुबह 6:17 से प्रारंभ होकर 22 जनवरी तड़के 2:22 तक रहेगी। उदया तिथि के अनुसार मौनी शनिचरी अमावस्या है।
30 साल बाद बन रहा है संयोग, शनिश्चरी अमावस्या पर शनि रहेंगे कुंभ राशि में। बन रहे हैं खप्पर योग, चतुर ग्रही योग, षडाष्टक योग और समसप्तक योग।
मौनी शनिचरी अमावस्या शनिवार के दिन पड़ रही है। इस दिन अमावस्या तिथि पर पूर्वा अषाढ़ नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग , हर्षण योग, ब्रज योग, चतुर पाद करण योग भी बन रहा है।
शनिश्चरी अमावस्या पर शनिदेव की प्रतिमा पर सरसों के तेल का अभिषेक करें। इससे शनिदेव प्रशन्न होते है। इस दौरान शनिदेव के मंत्र का जाप भी करें। इससे शनि की कृपा होती है।
शनिश्चरी अमावस्या पर ऊनी गरम कपड़ों और फलों का दान करें। दान करने से शनिदेव प्रशन्न होते हैं। इसलिए इस शनिश्चरी अमावस्या पर दान अवश्यक करें।
शनिश्चरी अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए पूजा अर्चना करें। शनिश्चरी अमावस्या के दिन पितरों के लिए पूजा करने से वे प्रशन्न होते है और शनि की कृपा भी मिलती है।