सीआरपीएफ में 1986 में पहली महिला बटालियन का गठन किया गया था। हालांकि उस समय महिलाओं की संख्या कम थी। लेकिन धीरे धीरे महिला विंग मजबूत हो गई है।
सीआरपीएफ ने 35 वें राइजिंग डे के मौके पर महिला जवानों को औपचारिक तौर पर कोबरा ट्रेनिंग के लिए चुना गया। सीआरपीएफ पहली बार कोबरा यूनिट में महिला कमांडो को शामिल कर रहा है।
सीआरपीएफ देश का एकमात्र अर्धसैनिक बल है जिसमें 06 महिला बटालियन हैं। मार्च 1987 में प्रशिक्षण के बाद 88(M)Bnने मेरठ के दंगों और बाद में श्रीलंका में अपने कार्यों के लिए प्रशंसा हासिल की थी।
सीआरपीएफ की महिला जवानों को छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में तैनात किया गया है। यहां पर बहादुरी से महिला विंग की जवान नक्सलियों से मुकाबला कर रही हैं और उन पर कार्रवाई कर रही है।
महिला दिवस के मौके पर सीआरपीएफ की महिला विंग की जवान बाइक से यात्रा निकाल रही है। इन महिला बाइकर्स ने न केवल ग्वालियर में रैली निकाली, बल्कि हैरतंगेज स्टंट भी दिखाए।
महिला बाइकर्स ने ग्वालियर किले पर ड्रिल की। उनकी जोशीली परेड ने शहर के लोगों में जोश भर दिया। खासतौर से उन बालिकाओं व किशोरियों में जो सीआरपीएफ को ज्वाइन करना चाहती हैं।